मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए इसे निरोगी राजस्थान सहित सात संकल्पों पर आधाारित बताया और कहा कि इस बजट में कोशिश की गई है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य में विकास की राह बाधित न हो।
बजट में गहलोत ने आगामी वित्त वर्ष में 53,151 नई भर्तियां करने का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि बजट में किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है। साथ ही गहलोत ने विभिन्न करों में बदलाव करते हुए 130 करोड़ रुपये की छूट देने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री गहलोत के पास वित्त विभाग भी है। उन्होंने गुरुवार को राज्य विधानसभा में सालाना बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण उसके राजस्व में कमी आई है और इसका खामियाजा राजस्थान को भी भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्रीय करों में मिलने वाले हिस्से में 10362 करोड़ रुपये की कटौती की जा रही है।
गहलोत ने कहा ‘हमारी संघीय व्यवस्था में राज्यों की वित्तीय स्थिति काफी हद तक केंद्र सरकार की नीतियों तथा निर्णयों पर निर्भर करती है। आज देश की अर्थव्यवस्था के अधिकांश सूचकांक संकेत दे रहे हैं कि देश की अर्थव्यवस्था वर्तमान में बुरे दौर से गुजर रही है। पिछले बजट में जनकल्याणकारी कदमों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि हमने इस बजट में भी ठोस कार्ययोजना पेश करने का प्रयास किया है।
सीएम गहलोत ने बजट पेश करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार मिलावटखोरी के खिलाफ कड़े कदम उठाएगी, हर जिले में प्रयोगशाला स्थापित होगी और फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित की जाएंगी। उन्होंने कहा हमारे लिए संपूर्ण राजस्थान एक परिवार की तरह है। इस परिवार के लिए मैं सात संकल्पों को इस बजट की प्राथमिकताएं बताना चाहता हूं।