राजस्थान में बीएस-4 उत्सर्जन मानक के सभी वाहनों की बिक्री व पंजीयन 31 मार्च तक ही किया जा सकेगा। यानी एक अप्रैल 2020 से राज्य में केवल बीएस 6 मानक वाले वाहनों की बिक्री व पंजीयन ही होगा।
परिवहन आयुक्त रवि जैन ने इस बारे में सोमवार को लोक सूचना जारी की। इसके अनुसार एक अप्रैल 2020 के बाद बीएस-4 उत्सर्जन मानक वाले किसी भी वाहन (परिवहन/ गैर परिवहन) की बिक्री व पंजीयन राज्य में नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि देश भर में बीएस6 मानक एक अप्रैल 2020 से लागू हो रहे हैं।
वहीं, भारत ने वाहन उत्सर्जन कम करने के लिए बीएस-4 (भारत चरण-4) से सीधे बीएस 6 (भारत चरण-6) ईंधन उत्सर्जन मानकों पर अमल करने का निर्णय लिया था और महज तीन साल में इसे सफलता से अमल में लाने के करीब है। इससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जहां सबसे स्वच्छ पेट्रोल-डीजल का उपयोग होता है।
इंडियन ऑयल के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि लगभग सभी परिशोधन संयंत्रों ने 2019 के अंत तक बीएस 6 के अनुकूल पेट्रोल और डीजल का उत्पादन शुरू कर दिया है। अब पेट्रोलियम कंपनियों ने देश में पेट्रोल-डीजल की आखिरी बूंद को बीएस 6 मानक वाले ईंधन से स्थानांतरित करने का बीड़ा उठा लिया है।
सिंह ने कहा कि हम एक अप्रैल से बीएस-6 ईंधनों की आपूर्ति करने की दिशा में पूरी तरह से सही राह पर हैं। लगभग सभी परिशोधन संयंत्रों ने बीएस-6 ईंधनों की आपूर्ति शुरू कर दी है और ये ईंधन देश भर में भंडार डिपो तक पहुंचने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ ईंधन भंडार डिपो से पेट्रोल पंपों तक भी पहुंचने लगे हैं और अगले कुछ सप्ताह में सिर्फ स्वच्छ ईंधन ही उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि हम इस बारे में पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि पेट्रोल पंपों पर एक अप्रैल से जो भी पेट्रोल-डीजल बिकेंगे, वे बीएस-6 मानक के अनुकूल होंगे।
भारत ने 2010 में बीएस-3 उत्सर्जन मानक को अपनाया था। बीएस-3 से बीएस-4 तक पहुंचने में देश को सात साल का समय लगा था। सरकारी परिशोधन कंपनियों ने नए मानक के अनुकूल ईंधन तैयार करने के लिए करीब 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है।